वित्त विभाग ने सभी सरकारी विभागों में नए वाहनों की खरीदी के लिए नई गाइडलाइन्स जारी की हैं। अधिकारी अपनी ग्रेड के आधार पर 7 से 18 लाख तक के वाहन खरीद सकेंगे। पेट्रोल, डीजल, सीएनजी के अलावा ईवी भी खरीदने की पात्रता अधिकारियों को दी गई है। जरूरत के आधार पर विभाग वाहन किराये पर भी ले सकेंगे। वित्त विभाग ने सोमवार को नए वाहनों की खरीदी और वाहन किराये पर लेने के लिए सभी सरकारी विभागों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
वित्त विभाग ने सभी विभागों को तय फॉर्मेट में अपनी आवश्यकता भेजने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि उपलब्ध बजट और वाहन की आवश्यकता बताते हुए प्रस्ताव देना होगा। वाहन वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद ही खरीदा जा सकेगा। जो वाहन तय 15 साल की अवधि पूरी कर चुके हैं, उन्हें स्क्रैप पॉलिसी के मुताबिक स्क्रैपिंग के लिए देकर सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट दिखाना होगा। इसके बाद वित्त विभाग उनके स्थान पर नए वाहनों की खरीदी की स्वीकृति देगा।
केंद्र की स्क्रैपिंग पॉलिसी के मुताबिक 1 अप्रैल 2024 से 15 साल से अधिक पुराने सरकारी वाहन हटने थे, पर मप्र सहित लगभग सभी राज्यों में इनकी लिस्टिंग ही पूरी नहीं हो सकी। इस वजह से अब तक इन्हें हटाने का काम प्रारंभिक तौर पर ही जारी है। मप्र में भी सरकारी वाहनों की लिस्टिंग 2024 से शुरू हुई थी, जो अब तक जारी है।
मप्र पर 4.26 लाख करोड़ कर्ज 31 मार्च 2025 तक मप्र सरकार पर कुल कर्ज बढ़कर 4.21 लाख करोड़ हो चुका है। इसके बाद सरकार ने हाल ही में 2500-2500 करोड़ की दो किश्तों में 5 हजार करोड़ का नया कर्ज लिया है। इसके बाद सरकार पर कुल कर्ज बढ़कर 4 लाख 26 हजार करोड़ हो चुका है। हाल ही में सरकार ने भत्ते बढ़ाकर कर्मचारियों को तोहफा दिया है। इनसे कुल 5 हजार करोड़ सालाना भार आने की उम्मीद है।
वित्त का डीए पर स्पष्टीकरण हाल ही में गृह भाड़ा भत्ते में वृद्धि की गई है। वित्त विभाग ने सोमवार को स्पष्ट किया कि प्रोबेशन पीरियड वाले कर्मचारियों को उनके संबंधित स्टाइपेंड के आधार पर ही एचआरए की गणना होगी। प्रोबेशन में पहले साल 70%, 80% और 90% स्टाइपेंड मिलता है।