भोपाल लोकसभा सीट पर 7 मई को वोटिंग के बाद EVM पुरानी जेल में बने स्ट्रॉन्ग रूम में जमा कर दी गई हैं। ये EVM थ्री लेयर सिक्योरिटी में है। कैम्पस में बिना अनुमति के परिंदा भी पर नहीं मान सकता। 24 घंटे 200 से ज्यादा जवान तैनात हैं। वहीं, स्ट्रॉन्ग रूम और कैम्पस की निगरानी के लिए 18 सीसीटीवी लगे हैं।
मुख्य गेट पर शिफ्ट वाइज एक इंस्पेक्टर, दो एसआई समेत 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं, जबकि अंदर पैरामिलिट्री फोर्स यानी सीआईएसएफ के जवान हैं। बाहर डीएसपी लेवल के अधिकारी की ड्यूटी भी रहती है। वहीं, कलेक्टर हो या अन्य जिम्मेदार अधिकारी, सभी को पहले गेट पर एंट्री करना पड़ती है। इसके बाद ही वे अंदर जा सकते हैं। उप निर्वाचन अधिकारी दीपक पांडे ने बताया कि 18 सीसीटीवी लगाए गए हैं, जो स्ट्रॉन्म रूम समेत पूरे कैम्पस पर है।
4 जून को होगा 22 कैंडिडेट्स का फैसला
7 मई को भोपाल के 2034 पोलिंग बूथ पर वोटिंग कराने के बाद जो ईवीएम वापस लाई गई थी, उन्हीं की सुरक्षा में यह व्यवस्था है। पुरानी जेल में ही स्ट्रॉन्ग रूम बनाया गया है। यहीं पर 4 जून को काउंटिंग होगी। 22 कैंडिडेट्स की किस्मत का फैसला होगा। भोपाल की सभी 7 विधानसभा- बैरसिया, हुजूर, नरेला, गोविंदपुरा, भोपाल मध्य, भोपाल उत्तर और भोपाल दक्षिण-पश्चिम की अलग-अलग ईवीएम रखी गई है।
ऐसा है सुरक्षा का घेरा
वोटिंग के बाद 8 मई की सुबह 4 बजे तक सभी ईवीएम और डाक मतपत्र स्ट्रॉन्ग रूम में रख दिए गए। इसी दिन से यहां तीन स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था है। पुरानी जेल के परिसर के गेट पर ही बेरिकेडिंग की गई है। यहां 24 घंटे पुलिस जवान तैनात रहते हैं, जो चेकिंग करते हैं। बिना परिचय पत्र देखे किसी को भी अंदर जाने की परमिशन नहीं है। शिफ्ट वाइज ड्यूटी कर रहे हैं। गेट के बाद ऑर्म्स फोर्स के हवाले सुरक्षा व्यवस्था है। आर्म्स फोर्स हर समय नजर रखते हैं।
कैमरों की लाइव फीड ले रहे एजेंट
पुरानी जेल में जिस जगह स्ट्रॉन्ग रूम है। उसके बाहर सभी कैंडिडेट्स के एजेंट के लिए टेंट लगाया गया है, जो स्ट्रॉन्ग रूम के अंदर लगे सीसीटीवी की लाइव फीड ले रहे हैं। इसके लिए स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई है। कुछ में जेल की लाइव फीड मिल रही है।